Rajasthani Comedy Film Any Time Hekdi Story
Copyright by Shree Thakurji Writer
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Screenplay by - RK Prajapati
Story Writing - Shivnandan
Rajasthani Comedy Film Any Time Hekdi Story - Poster By - WoB Group & RK Prajapati |
मीठा बोल बां से आदमी का सगळा काम अपणे आप ही हुज्याव है पर जको आदमी बिना काम के हेकड़ी में रेव बीक तो घर री लुगाई भी साथ कोनी देव। इयांकल ही एक गांव में तीन भाई रेवतां हा, जिका सदा ही आपकी हेकड़ी में रेवता। जणा सारो गांव बां सुं परेषान हो उठ्यो। अठे तक बांकी लुगाई भी बांको साथ छोड़गी।
बांको बाप भोत ही भलेरो आदमी हो जको खुद के खेत की जमीन मां सुं गांव क लोगां न स्कूल वास्ते तीन बीघा जमीन दान मं दे दी क्यूं कि तीन गांव क बीचाल टाबरां रे पढ़ण वास्ते कोई स्कूल कोनी हुवती। जिको बां तीनू भाईड़ां रो बाप जमीं दान में दे दी। टेम खाकर डोकरो तो भगवान क घरां उठग्यो पर बिका तीन्यूं बेटा इतणा नालायक निकल्या क बे आप क बाप के मरयां पाछे जमीन को एक टुकड़ो दे बां र खातर साफ मना कर दियो।
गांव का सरपंच और मास्टर सारा स्याणा आदमी मील र बां ने समझा- समझा कर धाफग्या पर बांक सिर पर जूं तक नहीं कोनी रेंगी। सब सूं बड़ो भाई रमेष और बींसू छोटो सुरेष और सबसूं छोटो नरेष तीनू ही एक स चढ़कर एक हा। बदमाषी मं तो बे कोई को उपर लो नाको कदै ही ना आण दियो। पर एक बात बांकी बहुत चोखी है कि बे कदे आपसरी में कोनी लड़ता भलां ही सारा गांव मं सदा सिर फोड़ता हो। पीसां की कोई कमी कोनी ही बे पूरा गावं न ब्याज पर रिपीया देवता। ब्याज भी बे दस रिपिया सैंकड़ा से नीचो कोनी राखता जिको आगलो लेवणियो तो पूरी जिंदगी बां को ब्याज चुकातेा चुकातो ही मर लेतों पर बांका रिपिया कोनी चुकता।
एक दिन बे शिकार खेल बांण जावे बठै एक छोरी शालू से छोटकियों भायड़ो नरेस्यों उलझग्यो। बीक तो बा छोरी दिलो दिमाग पर छागी। बी न पाण खातर बे सारा भायड़ा जोर लगा लियो।
एक दिन गांव मं पंचायत बैठी। बां तीन्या न बेरो पाट्यो जद बे तीनूं भाई मिलकर बठे पूग र पंचायत मं हंगामो खड्यो कर दियो। बीचारा सरपंच और गांव का भला आदमी हा, जो आप को सो मुंह लेर जाता ही दिख्या। एक दिन गांव के घरां मं शोचालय बणान खातर एक सर्व करण खातर आयड़ा लोगां न भी मारकूट कर काढ़ दिया। बां तीनूं भायां न कोई चोखी बात बतातो बिक बे गले पड़ता ही दिखता। जणां सारा गांव आळा परेषशान हो उठ्या।
बी गांव में एक मास्टर हो जको एक तरकीब काढ़ी बो नकली बाबोजी बणं र बान समझावण की कोशिश करी। मास्टर की तरकीब काम मं आगी। इ बीच छोटो ही छोटो भाई एक छोरी क चकरा में पड्गो। बी छोरी न पाण खातिर बो सारा जतन कर लिया। इ काम मं बीका भाईड़ा पूरो साथ दियो। जणा जाकर छोटकीय भाईड़ा को गेलो घलगो पर बा छोरी शालूडी भी एक शर्त लगा दी क बड़ा भाई की बीनणी यानि थारी भाभी न मनाकर ल्यावो जद बा ब्याव कर आवली। जणा बे दिमाग लगार बाबोजी की बात मानकर बे आपकी भाभी न घरां पाछी ले कर आज्या। इक बाद बे तीनूं जणां आप क बाप की दान करीयोड़ी जमीन भी गांव की भलाई वास्त स्कूल क खातर दान मं दे देव। इस तरियां तीनूं भाईयां को नाम होज्या और बे स्याणा हुज्या।
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Shooting Done at Rajasthan
1 Comments
Nice
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